Sunday, March 28, 2010

वो अद्भुत आनंद राशी है


(रणछोड़ दासजी, डाकोर, गुजरात)


श्याम मनोहर मुरली धर
कान्हा मधुबन के वासी हैं
शाश्वत सुरभित सुमिरन उनका
वो अद्भुत आनंद राशी है

कहना का कर थाम 
चलो
अंधियारा भी पथ दरसाए
पानी में मिल रहा दूध भी 
 हंस दृष्टि से छन जाए


अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका
२६ मई २००५ को लिखी पंक्तियाँ
२८ मार्च २०१० को लोकार्पित

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