Monday, March 1, 2010

80 - संग खेल रहा नटवर नागर



श्री कृष्ण चन्द्र मुस्कान छटा
मन मगन मस्त
थिरके नाचे
आनंदामृत घन बरस रहे
पुण्य कोटि जन्मों के
 जागे

मुरलीधर, मोर मुकुट धारी
कान्हा पर हूँ वारि वारि
वो मुग्ध हँसे प्रेमी जन पर
हंस हंस सुनली गोपी गाही

चल हुलस हुलस
जीवन सुन्दर
संग खेल रहा
नटवर नागर

जय श्री कृष्ण

१५ फरवरी ०५ को श्यामार्पित 
१ मार्च २०१० को लोकार्पित

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