Thursday, March 11, 2010

प्रेम पोटली


कर कान्हा की चाकरी
मन प्यारे अविराम
काम कहे तो श्याम है
श्याम ही है निष्काम

प्रेम पोटली बाँध मत
खोल आनंद अपार
घूम झूम चहुँओर मन
कृष्ण नाम उच्चार

बोये क्या सो काटना
है इतनी सी बात
मिले शुद्ध पावन परम
श्याम नाम के साथ


अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ७ बज आकर ४० मिनट
गुरुवार, मार्च ११. 2010

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