सवाल भरा मौन
संशय भरा मौन
आपका स्पर्श
छीन लेता कौन
समीप आओ
अपना बनाओ
ओ करूणामय
मुझसे गाओ
नित्य मधुरता रस छलकाओ
प्यार अमिट अपना दिखलाओ
ओ अच्युत, ओ सखा अनूठे
कैसे प्रेमी बनूँ तुम्हारा, तुम बतलाओ
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१८ जून १९९७ को लिखी
७ मार्च २०११ को लोकार्पित
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