Friday, March 25, 2011

ईश्वर के नाम


मैं अब भी 
मचलता हूँ
कामना की छिछली तरंगों पर
गुमनाम किनारे पर मंडराते भँवरे सा
और फिर
अपने पंखों को समेत तेला
उतर आता उस पगडंडी पर
जहाँ से
ईश्वर के नाम 
यह पुकार
'अब तो मुझे बचाओ'

अशोक व्यास
१६ मार्च 1997 की रचना
२५ मार्च २०११ को लोकार्पित        

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