तीन दोहे
१
उर में सुमिरन श्याम का
नयन मधुर मुस्कान
निसदिन उसका नाम लूं
करूं उसी का ध्यान
२
सब लोगों के साथ में
मिले मधुर एकांत
कोलाहल के बीच भी
कान्हा रखता शांत
३
प्रेम करूं घनश्याम से
किस बिधि कौन बताये
बदली जैसा रूप है
आये फिर छुप जाए
अशोक व्यास
२ जून १९९७ को लिखी
१६ मार्च २०११ को लोकार्पित
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