कर बात श्याम से प्रेम भरी
आनंद उजागर हो पल पल
हर बार बुला कर, भर माखन
खाए बिखराए वो चंचल
मिसरी की डली से रिझा लिया
मोहन को अंक से लगा लिया
माधव मुरलीधर गिरिधर को
अब रोम रोम में जगा लिया
अशोक व्यास
(जन २१, ०५ को लिखी पंक्तियाँ
जन १, १० को लोकार्पित )
आनंद उजागर हो पल पल
हर बार बुला कर, भर माखन
खाए बिखराए वो चंचल
मिसरी की डली से रिझा लिया
मोहन को अंक से लगा लिया
माधव मुरलीधर गिरिधर को
अब रोम रोम में जगा लिया
अशोक व्यास
(जन २१, ०५ को लिखी पंक्तियाँ
जन १, १० को लोकार्पित )
No comments:
Post a Comment