Tuesday, January 11, 2011

मन कान्हा का साथ निभाना



चल वसंत आया सखी
करें कृष्ण संग रास
नृत्य सजे हर सांस में
जब कृष्ण पिया हो पास


प्यार बढ़ाना, प्यार सिखाना 
मन कान्हा का साथ निभाना
रसमय, चिन्मय, करूणामय वह
उसके चरणों में रम जाना

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
जन ८ और जन९, २००६ को लिखी
११ जनवरी २०११ को लोकार्पित

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