चल वसंत आया सखी
करें कृष्ण संग रास
नृत्य सजे हर सांस में
जब कृष्ण पिया हो पास
२
प्यार बढ़ाना, प्यार सिखाना
मन कान्हा का साथ निभाना
रसमय, चिन्मय, करूणामय वह
उसके चरणों में रम जाना
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
जन ८ और जन९, २००६ को लिखी
११ जनवरी २०११ को लोकार्पित
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