मैं किसका अधिकारी
बात कौन सी
मैथ रही
मन को गोपीनाथ
क्या जाने
क्यूं छूटता
और सबर का हाथ
ऐसा है तूफ़ान सा
फेंकूं चीज़ें सारी
सब छोडूं और जान लूं
मैं किसका अधिकारी
मैं अर्जुन के साथ हूँ
या कुरुओं की ओर
दिशाहीनता साथ ले
जाऊं इस उस छोर
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
३० जनवरी २०११
१ जून १९९८ को लिखी
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