Tuesday, January 25, 2011

करूनासागर गिरिधारी




आओ श्याम
बैठो श्याम
मन मेरा
कर दो ब्रजधाम 
ऐसी कृपा
करो घनश्याम
संग तुम्हारा
हो अविराम

 करूनासागर गिरिधारी
  तमहारी, तुम दुःखहारी
दृष्टि प्रदाता, दारिद्र्य हरना
मधुसुदन, मंगलकारी 

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१५ मई १९९८ को लिखी
२५ जनवरी २०११ को लोकार्पित
 

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